प्रश्न: गुरजी, क्या सब कुछ सहने का अर्थ संतोष और स्वीकृति है?
श्री श्री रवि शंकरजी : नहीं! मैं आपको नहीं बता सकता कि संतोष क्या है| यदि आपने अपने जीवन में कभी संतोष का अनुभव नहीं किया तो आप कभी भी संतोष नहीं अनुभव कर सकते| आपने अवश्य ही इसका अनुभव किया होगा| आपको सिर्फ अपने मन को शांत करना होगा| आपकी समस्या का मूल कारण क्या है? उसे यहाँ लाईये| यहाँ आईये, दस मिनट बैठिये और समर्पण करिये| जब आपका मन शांत होगा, आप स्वयं जान जायेंगे कि संतोष क्या है? सब कुछ यहीं रह जाएगा और आप को जाना होगा| उन सब को जिन्हें आप अतीत में जानते थे वह सब इस ग्रह को छोड़ चुके हैं| क्या आपको स्मरण नहीं है? हम में से कितने लोग जा चुके हैं और उसी प्रकार हमें भी जाना होगा| यदि आप इतना भी अनुभव कर सकते हैं, संतोष स्वतः आपको प्राप्त होगा|
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