प्रश्न : जब मुझे मोक्ष के बारे में कुछ पता ही नहीं है, तो मुझे मोक्ष पाने की इच्छा कैसे आएगी?
श्री श्री रविशंकरजी : जब आपको बंधन का एहसास होगा, तभी आपको मोक्ष पाने की इच्छा होगी | जब आप सुखी है, और किसी तरह का बंधन महसूस नहीं करते, तब आपको मोक्ष पाने की अभिलाषा नहीं होगी |
जो खुशी की इच्छा नहीं रखता, उसे मोक्ष प्राप्त होता है, और जिसे मोक्ष पाने की भी इच्छा नहीं होती, उसे परम प्रेम प्राप्त होता है |
जो लोग प्रेम में होते हैं, उन्हें मोक्ष की ज्यादा परवाह नहीं होती| एक प्रेमी सोचता है, कि मोक्ष क्या है? मुझे इसकी ज़रूरत नहीं है | गोपियाँ यही कहतीं थीं – ‘हमें मोक्ष की ज़रूरत नहीं है, हमें किसी ज्ञान की ज़रूरत नहीं है, बस केवल प्रेम में रहने से ही हम प्रसन्न हैं |’
प्रेम का स्वभाव ही मोक्ष है |
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