प्रश्न : अच्छे नेतृत्व के क्या गुण हैं? हम कैसे सक्रिय, आत्मविश्वासी और उत्साहपूर्ण नेता बन सकते हैं ?
श्री श्री रवि शंकरजी : - अच्छे नेतृत्व का प्रमुख पहलु है कि सबका नियंत्रण छोड़ देना। क्या जब आप सो रहे होते हैं या सपना देख रहे होते हैं तो क्या आप अपने नियंत्रण में होते हैं? नहीं! क्या आप अपने शरीर के किसी अंग के नियंत्रण में होते हैं ? आपका दिल अपने आप धड़कता है। क्या सूर्य और चन्द्र की सौरमंडल में परिक्रमा आपके नियंत्रण में है और वैसे ही जब चन्द्र अपने ही अक्ष में घूमता है तो क्या वह आपके नियंत्रण में है? जो आपके मन में विचार आते हैं क्या वे आपके नियंत्रण में होते हैं ? इसीलिये जब आप यह समझ जाते हैं कि आप सचमुच अपने आस पास की होने वाली कई प्रमुख घटनाओं का नियंत्रण नहीं कर सकते फिर आप यह समझ पायेंगे कि क्या आप नियंत्रण में हैं, यह सिर्फ एक भ्रम/माया है। फिर आप विश्रामयुक्त हो जायेंगे।
एक नेता एक उदाहरण स्थापित करता है। वह सिर्फ आदेश पारित नहीं करता; वह पहले कृत्य करता है जिससे दूसरे उसे कर सकें। एक अच्छा नेता वह है जो नेताओ का सृजन करता है ना कि वह जो उन्हें अपना अनुयायी बनाये| वह जिनका नेतृत्व कर रहा होता है उनका अच्छे से ध्यान रख रहा होता है। और वह जिम्मेदारियों को प्रत्यायोजित करता है।
एक नेता अपने पद के प्रति चिंता नहीं करता है। जो सम्मान एक व्यक्ति अपने गुणों से पाता है वह सम्मान पद से मिले सम्मान से काफी भिन्न होता है। जो सम्मान आपको आपके पद से मिलता है वह कम समय के लिये और अस्थायी होता है। परंतु जो सम्मान आप अपने गुणों और दृष्टिकोण से पाते हैं वह हर समय आपके साथ रहता है। आप किसी समिति के अध्यक्ष हो सकते हैं या आप कहीं के वकील या किसी राज्य के राज्यपाल हो सकते हैं - परंतु यह सब कुछ अस्थायी और क्षणिक पल के लिए होते है। पद आते-जाते रहते हैं। पर इस पद की वजह से जो आप सम्मान पाते हैं वह विशुद्ध नहीं होता है, और दिल से नहीं निकला होता है और इसलिये वह सही सम्मान नहीं है। परंतु यदि आप एक अच्छे व्यक्ति हैं तो फिर जो आप सम्मान पाते हैं, वह विशुद्ध होते हुए लंबे समय के लिए होता है।
एक अच्छा नेता चुनौती आने पर चीजों को छोड़ नहीं देता। बल्कि वह संकट की घड़ियों में काफी चौकन्ना होता है और उससे परेशान नहीं होता। एक नेता के पास दिल और दिमाग की बातें सुनने का संतुलन होना चाहिए। यदि आप दिल और दिमाग को मिश्रित कर लेंगे तो फिर आप निश्चय ही अपने आप को संकट में पायेंगे। जीवन में अपने कार्य को छोड़कर सारी परिस्थितियों में अपने दिल की सुनें।
अपने व्यक्तित्व को बहु प्रतिभाशाली बनायें और स्वयं को दूसरे के स्थान पर रखकर देखें और दूसरे का दृष्टिकोण समझने की कोशिश करें। आप एक अच्छे अभिव्यक्तिशील व्यक्ति बनें और सीधा दृष्टिकोण रखें।
स्वयं का निर्णय करना एक बाधा है। इसलिये स्वयं के बारे में निर्णय न लें। जब आप स्वयं का मूल्याकंन कर रहे होते हैं तो आप दूसरों का भी मूल्याकंन करते हैं। ऐसा करने से आप एक लोलक की तरह झूलते हैं। स्वयं का निर्णय करना स्वयं की और दूसरों की आलोचना करने के जैसा होता है। एक अच्छा नेता सुख की परवाह नहीं करता है परंतु वह सुख के क्षेत्र से बाहर निकल जाता है। कुछ भी सृजनात्मक, सक्रिय और अच्छा तभी हो सकता है जब आप सुख के क्षेत्र से बाहर निकल आते हैं, जिसमें अधिकतर आप फंसे रहना चाहते हैं। आप सोचते है कि आप कुछ नहीं कर सकते; सिर्फ एक प्रयास करें और एक कदम आगे बढ़ाएं तो आप यह पायेंगे कि आप ने अपना सुख का क्षेत्र बढ़ा लिया है। सृजनात्मकता आपके सुख के क्षेत्र को बढ़ा देती है।
एक नेता को दूरदर्शी होना चाहिए और उसे पूरा करने के लिए उसके पास कम समय की योजना होनी चाहिए। एक नेता के पास निष्ठा और सच्चाई होना चाहिए और उसे किसी व्यक्ति से पहले देश के भले के बारे में सोचना चाहिए। इस किस्म का और उतने ही निष्ठावान बलिदान की आवश्यकता है।
एक नेता को सत्यदर्शी, समदर्शी, प्रियदर्शी, पारदर्शी और दूरदर्शी होना चाहिए। एक नेता के पास लक्ष्य और दृष्टि के साथ बलिदान, करूणा और प्रतिबद्धता की भावना होना चाहिए।
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