प्रश्न : जब कभी कोई दुर्घटना होने वाली होती है, तब कुछ जीव-जंतुओं को पहले ही इसका आभास हो जाता है| लेकिन मनुष्यों को अपने वैज्ञानिक विकास के बाद भी इसका पता नहीं चलता| इसका क्या कारण है ?
श्री श्री : वे अंतर्मुखी होना भूल गए हैं| यदि वे थोड़ा सा भी अंतर्मुखी हो जाएँ, तो हमें खबर मिल सकती है| हमें लगने लगता है, कि यहाँ से चलना ही ठीक रहेगा, यहाँ से हटें तो ठीक है| पशु-पक्षी को बचाने वाला जो है, वो हमारे अन्दर भी है, लेकिन हम उस आवाज़ को सुनते ही नहीं हैं| हमारे भीतर भी वह आवाज़ हैं, लेकिन हम अपनी आत्मा से जुड़े नहीं हैं| हम आज भी परमात्मा से स्वयं को अलग समझते हैं – बस यही कारण है|
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