प्रश्न : कई कहानियों द्वारा मुझे पता चलता है कि आप सर्वव्यापी है और सब जानते है | यह (बात) कभी कभी मेरे भीतर पैदा होती है कि आपको मेरी सभी गलतियों के बारे में पता है | (मेरी) गलतियों के प्रति आपका क्या दृष्टिकोण है ? क्या आप मुझसे नाराज होते हो जब आप मुझे वही गलतियां बार बार करते हुए देखते हैं ?
श्री श्री रविशंकर : तनिक भी नहीं |
क्या आप जानते हो कि भक्त गुरू से ज्यादा शक्तिशाली होते हैं ? क्या आप जानते हैं ? यह सत्य है | आप लोगों ने मेरी गुरू कहानियां सुनी होगी , किन्तु मेरे पास कई भक्त कहानियां है | मैं आपके साथ एक (कहानी) बांटता हूँ | नवम्बर के आखिरी सप्ताह में , मैं महाराष्ट्र के दूर-दराज के गावों का दौरा कर रहा था | कुछ ऐसे गांव और जिल्ले थे | जहां पर मैं कभी नहीं गया था |कई लोग थे जो मुझे मिलने आये थे | एक गांव में मैं अपने सचिव से कहा , ‘‘तीन लोगों ने अपना मोबाइल फोन खो दिया है और वे तीनों काफी गरीब लोग हैं | तो तीन नये मोबाइल फोन मेरे बैग में रख देना | तो मैंने तीन मोबाइल फोन अपने साथ रख लिया क्योंकि मुझे लगा कि तीन लोगों ने अपना मोबाइल फोन खो दिया हैं |
तो , जब मैं वहाँ पर गया , कार्यक्रम खत्म होने के बाद स्वयंसेवकों के कार्यक्रम में मैंने कहा , ‘‘कुछ लोगों ने अपना मोबाइल फोन खो दिया हैं |मुझे इसके बारे में पता है | जिन लोगों ने अपना मोबाइल फोन खो दिया है , कृपया खड़े हो जाईये ,’’और केवल तीन लोग ही बड़े हुये |एक महिला थी जो खड़ी हुई , और मैंने उसे कहा , देखिये , आप मेरी तस्वीर के सामने गये गुरूवार के दिन रो रहे थे | आपको पता नहीं था कि क्या करें , अपने परिवार का सामना कैसे करे क्योंकि एक महंगा मोबाइल फोन गुम हुआ था , जो दो तीन महीने के आय के मूल्य जितना रहा होगा | यह लीजिये , एक नया (मोबाईल फोन) लीजिये | जब मैं यह कर रहा था (बांट रहा था) , एक लड़का समूह में से मेरे पास आया और उससे अपनी कहानी बताई |वह एक एडवांस कोर्स में था और उसकी पत्नी घर पर थी और उसे उनसे बात करनी थी | तो उसने वह फोन मेरी तस्वीर के सामने रखी और कहा , ‘‘गुरूदेव फोन चार्ज हो जाए |’’ अगली सुबह , जब वह उठा वह फोन पूरी तरह से चार्ज हो गया था | उस लड़के में मुझे अपना फोन बताया और कहा , ‘‘देखिये डेढ़ साल से मैंने अपना चार्जर फेंक दिया है ,और अब मैं अपना फोन केवल आपकी तस्वीर के सामने रख हूँ और वह चार्ज हो जाता है |” उसने अपना चार्जर फेक दिया था |
मैंने कहा , ‘‘यह सच में कुछ बात हैं|’’ मुझे भी अपने फोन के लिए चार्जर की जरूरत पड़ती है और मेरा भक्त अपना फोन मेरी तस्वीर के सामने रखकर चार्ज करता है |’’ देखिये भक्त कितने शक्तिशाली हो सकते हैं| मैं इसीलिए कह रहा हूँ क्योंकि हमारी भावनाएं , हमारी भक्ति और हमारा प्रेम है जो यह सब संभव कर पाता है |
मैं एक दूसरी कहानी आपके साथ बांटता हूँ | मैं दक्षिण अफ्रीका में था ,किसी के घर पर एक अतिथि के रूप में | यह करीब दस साल पहले की बात है | तो बस जोहान्सबर्ग जाने से पहले , हम सब अपना सामान बांध रहे थे , और अचानक मैं दूसरे कमरे में गया , जहां अन्य भक्त निवास कर रहे थे और मैं कमरे में इधर उधर देखने लगा |
आमतौर पर मैं किसी के भी कमरे में ऐसे नहीं जाता | लोग हैरान थे और सोच रहे थे कि गुरूदेव क्यों हमारे कमरे में आये है | तनिक सोचिये , मैं आपके होटल के कमरे में आता हूँ ,अचानक आप हैरान हो जायेंगे | तो लोग हैरान हो जायेंगे | तो लोग हैरान थे ‘‘गुरूदेव यहाँ क्यों आये हैं और वे बहुत व्याकुल लग रहे हैं |वह क्या ढूंढ रहे हैं ? ‘‘फिर मैंने एक चाय के पैकेट को देखकर पूछा , यह किसका है ?’’ उन्होंने कहा , ‘‘हमें पता नहीं | शायद किसी का हो | मैं कभी चाय नहीं पीता , लेकिन मैंने उसे चाय के पैकेट को लिया और अपने सूटकेस में डाला और सूटकेस बंद कर दिया | तब मैं सांस ले सका | मैं उस चाय के पैकेट के मिलने तक बहुत व्याकुल था | लोगों को यह (घटना) थोड़ी सी अजीब सी लगी , कैसे गुरूदेव एक चाय के पैकेट की चोरी की यह जानते हुए की वह हमारी नहीं थी वह किसी और की थी , उन्होंने परवाह नहीं की , बस उसे लिया और चले गए |तो जब हम डर्बन से जोहान्सबर्ग उतरे , एक बुजुर्ग सज्जन मुझे हवाई अड्डे पर मिले और उन्होंने कहा ,गुरूदेव क्या आपको वह चाय का पैकेट मिल गया तो मैंने आपके लिए भेजा था ? यह एक खास चाय है |मैंने खुद जाकर उसे खरीदा और मुझे आपको देना था | मैंने डर्बन नहीं आ सका इसीलिए मैंने उसे किसी के हाथों भिजवा दिया |’’ तो वह किसी के द्वारा भेजी गयी थी ?वह एक खास चाय है | मैंने खुद जाकर उसे खरीदा और मुझे आपको देना था | मैंने डर्बन नहीं आ सका इसलिये मैंने उसी किसी के हाथों भिजवा दिया |’’ तो वह किसी के द्वारा भेजा गया था और उन्होंने उसे किसी दूसरे कमरे में रख दिया |
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