" दुनिया में किसी भी धर्म में कुछ ग़लत नहीं है। यह उस व्यक्ति की समझ पर निर्भर करता है, जो उस (धर्म) का पालन और अभ्यास करता है। ये ऐसा है जैसे आप चाकु का इस्तेमाल, सब्ज़ी काटने, मक्खन के भाग को काटने और ख़ुद को हानि पहुँचाने के लिये भी कर सकते हो। यह ऐसा है। "
- श्री श्री रविशंकरजी
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