Que & Ans with Sri Sri -
प्रश्नः- गुरुजी, मंगलसूत्र का महत्व क्या है? पालक क्यूँ कहते है कि शादी के बाद इसे उतारना नहीं चाहिये? क्या इसे ना पहनना उचित है?
श्री श्री रवि शंकरजी :- मुझे एक बार पैरिस हवाई अड्डे पर एक महिला ने अपनी अंगूठी दिखाते हुऐ पूछा क्या ये जरुरी है ? मेरे लिये तो वह सिर्फ़ अंगूठी थी तो मैने कहा अगर वो समझती है कि इसकी जरुरत नहीं है तो वह उसे मत पहने | उसने वापस जाकर अपने पति को तलाक के लिए पत्र लिखा। उसके पति ने मुझे ई मेल किया - क्या गुरुजी आप ने मेरे पत्नी को मुझे तलाख देने के लिये कहा है | मैने कहा मैने ऐसा कभी कुछ नही कहा, उससे मैंने उसकी पत्नी से फोन पर बात करवाने के लिये कहा। पत्नी ने कहा गुरुजी मैंने हवाई अड्डे पर आपसे पूछा था कि मुझे इस अंगूठी की जरुरत है क्या ? दरअसल वो उसके शादी की अंगूठी थी | पश्चिमी संस्कृति मैं अगर कोई अपनी शादी की अंगूठी उतार देता है तो इसका अर्थ है उसने अपने प्रेमी को अलविदा कह दिया। शादी एक पवित्र बंधन है, उस पवित्रता को महसूस करने के लिये मंगलसूत्र पहनते हैं । मंगलसूत्र वो शुभ धागा है जिसे पकड़ कर आप धर्म के रास्ते पर चलते हैं इसलिये उसे उतारते नहीं हैं, सदैव साथ रखते हैं । लोग अपने जीवन में शुभ की कामना करते हैं इसलिये लोग मंगलसूत्र के साथ भावनाओं को जोड़ देते हैं और उसे पहनते हैं। इसके साथ कुछ अंधविश्वास भी इसके साथ जुड़ा है । कोई डॉक्टर ऑपरेशन के वक्त मरीज से गहने उतरने के लिए कहता है, और मरीज यह कहता है कि ये मंगलसूत्र है, इसे कैसे उतर सकते हैं । आप को किसी मानसिक अथवा बौद्धिक रूप से परेशान होने कि जरुरत नहीं है । ये सिर्फ़ एक धागा है या श्रंखला है | तो जब जरुरी हो तो आप इसे उतार सकते हैं। लेकिन आमतौर पर इसके साथ एक पवित्रता जुडी है तो इसे उतारना नहीं चाहिए।
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