प्रश्नः गुरुजी आप बार बार कहते हैं कि आपके पास हमें देनें के लिए बहुत कुछ है लेकिन हमें उसे ग्रहण करने की क्षमता होनी चाहिए। तो आपके उस सर्वोत्तम शिष्य में क्या गुण होनें चाहिए?
श्री श्री रवि शंकरजी : एक शिष्य को खाली और खोखला होना चाहिये। और साथ में आप जो भी आप सुनते है या सीखते है उसे भूल मत जाइये । ज्ञान का अध्ययन कीजिये, उसे बार बार पढ़िए। यह मान कर कि आप कुछ जानते ही नहीं हैं। आप कुछ जानते हैं इस बात का गर्व मत होने दीजिए। स्वाभाविक और सरलता के साथ रहिये।
जय गुरुदेव
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