प्रश्न: गुरुजी, आज की सबसे बड़ी मुद्रा (currency) क्या है, पैसा या ईश्वर?
श्री श्री: क्या हो यदि ये दोनो एक हो जाये? ईश्वर सबसे बड़ी मुद्रा (currency) है । यदि तुम्हारे साथ ईश्वर है, तो तुम्हारे पास सब कुछ है । कुछ लोग सोचते है कि पैसा ही भगवान है । हम पदार्थ और आत्मा दोनों से बने हैं । हमारे शरीर को अमिनो एसिड, कार्बोहायड्रेटस्, प्रोटिन औैर चेतना में व्याप्त सभी की आवश्यकता है जब कि हमारे मन को खुशी, प्रेम, आत्मीयता, सजगता, बुद्धिमत्ता इत्यादि की । तुम यह नही कह सकते कि तुम्हें ये चाहिए या वो; तुम्हें दोनों की ज़रूरत है, सही है न? जब तुम टी.व्ही. देखते हो, तब तुम पहले देखते हो या सुनते हो? दोनों साथ साथ होने चाहिए । उसी प्रकार, तुम्हे इस दुनिया में रहने के लिए कुछ सम्पत्ति चाहिए, इस दुनिया में अपनेआप को बनाये रखने के लिए; परंतु पैसा ही सबकुछ नहीं है । यदि तुम्हारे कुछ आदर्श, लक्ष्य है, तो तुम देखोगे कि पैसा अपने आप आयेगा - यही ईश्वर का अनुसरण करना है । मान लो कि तुम कुछ बडा सेवा कार्यकलाप करना चाहते हो, जब तुम उस दिशा में आगे बढ़ते हो, तब तुम पाओगे कि तुम्हें हर दिशा से मदद मिल रही हैं । मदद अप्रत्याशित कोनों से पहुँचेगी ।
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