प्रश्नः गुरुजी कभी कभी मैं सेवा सत्संग ज्ञान से ऊब जाता हूँ । क्या मेरे साथ कुछ गलत हो रहा है, क्या मै सही दिशा मे जा रहा हूँ?
श्री श्री रवि शंकरजी : तुम्हें पता है कि योग के पथ में ९ बाधाएं हैं। मैं ने पहले ही पतंजलि योग सूत्र के विवेचन में इसके बारे में बात की है | ये है व्याधि, स्त्यान, समस्या, प्रमद, आलस्य, अविरति, भ्रांतिदर्शन, अलब्ध्वा भुमीकत्व और अनवस्थितत्व । ये नौ बाधाएं हैं
शारीरिक व्याधी मानसिक जडता मन में मार्ग के प्रति अविश्वास और कुछ ना हासिल कर पाना, अरुचि, ये व्याधियाँ योगी के पास कुछ पल के लिये आती हैं और जाती हैं इसमें कुछ बडी बात नहीं है।
आप लोगों मे से बहुतों ने ऐसी मुश्किल देखी होगी कभी ध्यान करने का मन नही करता , कभी गहरा ध्यान होता है या कभी इस तरह के संदेह मन मे आते हैं और अचानक गायब भी हो जाते हैं।
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