प्रश्न ः कभी कभी मुझे आश्चर्य होता है कि मेरे अंदर कभी न खत्म होने वाली इच्छाएँ हैं और आप उन्हें पूरा करते रहते हैं।मैं यह सोच कर मुस्कुराने लगता हूँ।
गुरुदेव मैं कैसे इन इच्छाओं से छुटकारा पाऊँ?
श्री श्री ः यही बहुत है कि तुम्हें मालूम है कि तुम्हारी इच्छाओं की पूर्ति हो रही है।सिर्फ अपनी ही नहीं दूसरों की इच्छाओं की पूर्ति में भी व्यस्त रहो।
परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी।
जय गुरुदेव।।
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