आज से इस पल से अपने हर कर्म के पीछे उद्देश्य को चेक करना शुरू कर दो । आप पाओगे कि आपका मन आपको डुबाता है । ऐसी ऐसी जगह पर ले जाकर मारता है जहां पानी भी नहीं मिलता है । आपका मन आपको रेगिस्तान में डूबा देता है । कोई नदी या तालाब में तो डूब सकता है लेकिन यह मन आपको रेगिस्तान में डुबा देता है । जहां पर पानी का एक भी बूंद नहीं है वहां यह मन आप को डुबा देता है क्यों क्योंकि हम मन के प्रति सजग ही नहीं है ।
अगर आप घर में फर्नीचर बनवाना चाहते हो तो क्यों बनवाना चाहते हो। आप को सहूलियत चाहिए या आप यह दिखाना चाहते हो कि मैं भी कुछ हूं । Check every intention in your mind. You will come to know that your mind is fooling you and has been fooling you. यह मन आप को चुना ही लगाता है । चुना केवल तीन चीजों पर ही लगता है -पान पर, दीवार पर और इंसान पर । आज तक आपके मन ने आपको चुना ही लगाया है और आप शौक से लगवा लेते हो ।
ऋषि विद्याधर
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