Que & Ans with Sri Sri :
प्रश्न: प्रिय गुरुजी, अध्यात्म क्या है? यह धर्म के बारे में है या यह व्यक्तित्व के बारे में है?
श्री श्री रवि शंकरजी : आप प्राकृतिक पदार्थ और आत्मा से बने हैं | आपका शरीर एमिनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आदि से बना है| आपकी आत्मा भावना, प्रेम, करुणा, शांति, उदारता, प्रतिबद्धता, देखभाल, जिम्मेदारी, खुशी से बनी है| ये सभी आत्मा की प्रकृति हैं |
जो आप में जांच, प्रतिबद्धता, करुणा की भावना को बढ़ाता है, वह अध्यात्म है | आध्यात्मिकता आपको ब्रह्मांड से जोडती है| यदि आप हर धर्म की जड़ में जा कर देखे सभी यह कहते हैं| ईसाई धर्म में यीशु ने कहा, प्यार भगवान है और भगवान प्यार है| हिंदू धर्म में यह 'अस्ति, भाती, प्रीति' है| कहा जाता है कि प्रीति (प्यार) परमेश्वर का स्वभाव है| इस्लाम शांति, प्रतिबद्धता, करुणा और दान के बारे में बात करता है|
तो अलग अलग रूप हैं, लेकिन पदार्थ एक ही है| सच्चे पदार्थ को पकडना अध्यात्म है| और आप गहन ध्यान में जाकर कर यह अनुभब कर सकते हैं|
प्रार्थना करने के लिए आप किस शब्द का उपयोग करते है, वह महत्वहीन है| आप मन: स्थिति में हो यह सबसे महत्वपूर्ण है| यदि आपकी भावना कोमल, भीतर से सुंदर हैं, तो आप आध्यात्मिक हैं| अन्यथा चाहे आप एक पुजारी हो, लेकिन भीतर से बहत कठोर हैं तो आप आध्यात्मिक नहीं हो| चाहे आप मंदिर या चर्च में जाये और कई बार प्रणाम करते रहे , इस का कोई मतलब नहीं है| लेकिन यदि आप सड़क में भी अच्छे भावनाओं के साथ चल रहे हैं, तो आप भगवान के करीब हैं| आप जितना अधिक मुस्कुराते हैं उतना ही आप देवत्व के करीब होते हैं |
No comments:
Post a Comment